नख्ले याद को मै
काट कर फेंकना चाहता हूँ
मगर कमबख्त उम्मीद का फुल
तभी शाख पर मुस्कुराता है।
काट कर फेंकना चाहता हूँ
मगर कमबख्त उम्मीद का फुल
तभी शाख पर मुस्कुराता है।
(*नख्ल=वृक्ष)
("やraτa প")
www.prataprachana.blogspot.com
१९. १०.२०२३
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